आज पूरा विश्व कोरोना वायरस के महामारी से ग्रसित हैं। इससे पूरे विश्व में काफी क्षति पहुँची है। लाकडाउन के दौरान आम जनो की जिंदगी तो जैसे तैसे व्यतीत हो जा रही है लेकिन सबसे अधिक समस्या हमारे प्यारे बच्चों को हो रही है। वे न तो घर से बाहर निकल पा रहे हैं, न वे खेलकूद पा रहे हैं। अपने अपने घरों में सभी बंद है। ऐसे स्थिति में उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है।

उसी को देखते हुए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था मेरे द्वारा की गयी। विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जहां पर बिजली और मोबाइल नेटवर्क की काफी समस्या होती है। ऐसे में ऑनलाइन क्लास चलाना बहुत ही मुश्किल काम था। लेकिन हिम्मत नहीं हारी। संपर्क किया। कुछ अभिभावकों की समस्या थी कि उनके पास इंटरनेट नही था। कुछ अभिभावकों के पास स्मार्टफोन नहीं था। जिन अभिभावकों के पास इंटरनेट नहीं, था, उसको मेरे द्वारा रिचार्ज करवाया गया ताकि ऑनलाइन कक्षा सुचारू रूप से चल सके।

अप्रैल माह से मैंने ऑनलाइन क्लास चलाना शुरू किया जो कि अभी अनवरत चल रहा है, जिसमें बच्चों को उनके विषय से संबंधित पाठ को पढ़ाया जाता है एवं उसका वीडियो बनाकर उनतक प्रेषित किया जाता है ताकि बच्चे उस वीडियो को देख कर उस पाठ से संबंधित चीजों को समझ सकें।

नियमित अलग अलग विषय के पाठ पढ़ाया जाता है एवं बच्चों तक भेजा जाता है। विद्यालय द्वारा व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया गया है। बच्चे अपना काम करने के बाद उस ग्रुप में अपने काम को भेजते है। बच्चों के भेजे को चेक किया जाता है एवं उनको रिप्लाई भी दिया जाता है।

जो बच्चे ऑनलाइन क्लास से बंचित रह गये हैं। उनके लिए मैंने पूरे ऑनलाइन क्लासेज की कामों को। अलग अलग पेपर पर बनाकर उसे बॉन्डिंग कराकर ऑनलाइन पिटारा नाम से उन बच्चों तक उसे पहुंचाया ताकि वो बच्चे भी उन कामों को कर सकें।

प्रियंका यादव
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय सिधौना,
जिला गाजीपुर (उत्तर प्रदेश)

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