वास्तव में इस कोरोना काल ने हम शिक्षकों के पढ़ाने व बच्चों के पढ़ने, दोनो के ही तरीका बदल दिया और शिक्षा का प्रचार व प्रसार पूर्णतया तकनीकी आधारित हो गया। मेरे लिए प्लस पॉइंट यह रहा कि तकनीकी आधारित शिक्षण , दूरस्थ शिक्षण का हमने पूर्व के ग्रीष्म व शीतलहर अवकाश के दौरान अपने विद्यालय में कर रखा था। परन्तु इसका विस्तारीकरण हमने इस कोरोना कॉल के दौरान ही किया। मैंने इस दौरान इस ऑनलाइन शिक्षण को चैलेंज और अवसर के रूप मे लिया और प्रतिदिन कुछ नए तरीकों से बच्चों को शिक्षा भेजी।


इस कालखंड ने हम शिक्षकों में, विशेषकर मुझमें “धैर्य” का गुण सम्माहित किया क्योंकि मेरे सामने कई बार अक्सर ऐसी स्थिति आती थी जब बड़ी मेहनत से बच्चों के लिए वर्कशीट, पोस्टर, वीडियो तैयार कर भेजे लेकिन बच्चों ने सारा दिन गुजर जाने के बाद वह कार्य अगले दिन प्रस्तुत किया।
जब कारण पता किया तो बच्चे मासूमियत से जवाब देते नजर आए कि दिनभर बिजली नही रही या बारिश के अंदेशे की वजह से खेत में दिनभर काम करना पड़ा या मोबाइल रिचार्ज नही था या पापा को दिनभर कोई मजदूरी नही मिली तो वह गुस्सा थे या मम्मी-पापा में लड़ाई हो गयी या बउआ की तबियत खराब थी और सारा काम मुझे करना पड़ा इत्यादि। तब उनके मासूम भरे उत्तर सुनकर गुस्सा शांत हो जाता था। पर अब गुस्सा नही आता क्योकि हमे उनकी स्थिति को भी समझना आ गया था अब। कोरोना कॉल के दौरान ऑनलाइन शिक्षण हेतु मैंने विभिन्न तरीके की ऑडियो-वीडियो, पोस्टर आधारित शैक्षिक सामग्री तैयार की,जो इस प्रकार है- 1) गूगल autodraw द्वारा निर्मित कलरफुल हिंदी अंग्रेजी वर्णमाला पोस्टर, sound पोस्टर 2) Podcast के द्वारा transcript फीचर के साथ अंग्रेजी की कहानियों व कविताओं का वीडियो प्रस्तुतिकरण।जिसके द्वारा बच्चे,अंग्रेजी के एक-एक शब्द का उच्चारण करना व उस पंक्ति का अर्थ भी,दूर बैठे समझ सकते है 3) मीना की दुनिया रेडियो कार्यक्रम से प्राप्त शैक्षिक संदेश का तकनीकी के माध्यम से चित्रण करके चित्र संदेश निर्मित करना 4) बच्चों का मोबाइल डेटा ज्यादा न खर्च हो,इसके लिए “पोस्टर एक लक्ष्य अनेक” नामक पोस्टर निर्माण किये।जिससे एक ही पोस्टर द्वारा सभी कक्षाओं के बच्चों के लिए उनके लेवल के अनुसार प्रश्न प्रस्तुत किये। 5) बच्चों के प्रतिदिन कार्य व अच्छे कार्य के लिए उन्हें सर्टिफिकेट देकर उत्साहित भी किया गया 6) बच्चों के लिए puzzle आधारित कार्य भी तैयार किये जिससे उनकी दिमागी कसरत भी हो सके और कल्पनाशीलता का विकास हो। संपन्न कुमार निगम राष्ट्रीय ICT पुरस्कार विजेता अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय विष्णुपुर -2 बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)

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