13 मार्च 2020 से विद्यालय कोरोना वैश्विक महामारी के कारण बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बंद कर दिए  गए।अचानक आई सूचना के अनुपालन में अध्यापकों को इतना समय न मिल सका कि वे बच्चो को कुछ परियोजना कार्य या अन्य प्रकार का अकादमिक कार्य दें सकें। अतः बच्चो को व्हाट्सएप समूह बना कर जोड़ा गया। 



इसमें भी समस्या आई कि सेवित क्षेत्र मे सभी बच्चो के पास स्मार्टफोन नही उपलब्ध थे। जिनके पास स्मार्टफोन थे भी, उनके पास डाटा नहीं था। समस्या का समाधान किया गया और शुरुआत में बस 6 बच्चें ही समूह से जुड़ पाये। इन बच्चो ने अपनी कॉपियों में प्रश्न लिख कर अन्य बच्चों को कार्य करने के लिए दिया। इस प्रकिया में बच्चों को शारीरिक दूरी का पालन करने को भी कहा गया और इस प्रकार हमारी ऑनलाइन व्हाट्सएप क्लासेज की शुरुआत हुई। 


यह व्हाट्सएप ऑनलाइन क्लासेज मुख्यतः उन बच्चो को लाभ दे रही है जिनके लिए शिक्षा के नाम पर बस सरकारी विद्यालय ही एक मात्र साधन है और वे भी इस कोरोना काल में बंद है। आज यह हमारे लिए बच्चों के साथ संवाद करने का एक बेहतर माध्यम सिद्ध हो रहा है।


आज इस ऑनलाइन क्लासेस में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से 150 से ज्यादा बच्चे अपनी दैनिक अकादमिक गतिविधियों से जुड़े है। यह बच्चो को अधिगम सामग्री उपलब्ध कराने के साथ साथ उनके साथ संवाद करने में बहुत आवश्यक है। कई जिलों के शिक्षक गण भी समूह से जुड़े है और अपने अपने विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ समूह के माध्यम से संवाद कर रहे है। इस कोरोना काल मे बच्चों से संवाद करना आवश्यक है अन्यथा अकेलापन और मित्रों से दूरी उन्हें धीरे धीरे अवसाद की और धकेल सकता है। प्रक्रिया


NCERT की वेबसाइट से सबसे पहले संबंधित कक्षा की पाठ्य पुस्तक डाउनलोड की व उनके पाठ को बच्चों को प्रेषित किया। पाठ के साथ अपने हाथ से लिखें प्रश्न उत्तर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया रोज की रोज चलती है। बच्चे जहां कहीं समस्या पाते हैं, वे फोन कर कर पूछ लेते हैं क्योंकि हमारे पहाड़ों में नेटवर्क की समस्या रहती है। इसलिए वीडियो भेजने में समस्या आती है लेकिन फिर भी यह कार्य किया जा रहा है और इसका बेहतर परिणाम मिल रहा है। 
13 मार्च से बच्चे अवकाश पर हैं, पर वह कुछ ना कुछ गतिविधियों में संलग्न है। इस दौरान उन्हें अधिगम सामग्री व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त हो रही है। विद्यालय खुलने पर अवकाश के दिनों का पढ़ाया गए पाठ की पुनरावृति की जाएगी। 


बच्चो से फीडबैक लेने के लिए उनसे किये गए कार्य की फ़ोटो प्रेषित करने को कहा जाता है। बच्चो से वॉइस काल कर के लगातार संवाद किया जा रहा है , 


सुबह विषयगत सामग्री दी जाती है और शाम के समय रचनात्मक सामग्री व योगाभ्यास  रात्रि के समय पढ़ने की आदत का विकास करने के लिए बेड टाइम स्टोरी नाम से रोज pdf फॉर्मेट में कहानी की किताब दी जाती है। उपरोक्त सभी गतिविधि उन्हें व्यस्त रखने के साथ-साथ ज्ञान भी दे रही है।


अब यह कार्यक्रम हम न सिर्फ अल्मोड़ा जनपद में चला रहे है, बल्कि उत्तराखंड के अन्य जिलों के बच्चे भी हमारे साथ जुड़ चुके है। अपने विद्यालय राजकीय प्राथमिक विद्यालय के बच्चो को लेकर किया गया कार्य अब उत्तराखंड के 150 से अधिक बच्चो तक अपनी पहुंच बना चुका है।


इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने में कई स्वयंसेवक मित्र भी मदद कर रहे है जिनमें मुख्य रूप से राजेश पांडे जी, देहरादून से भुवन चतुर्वेदी जी, देघाट से दीवान कार्की जी, दिल्ली से दीपक बिष्ट जी, पौड़ी  से गौतम तिवारी जी मदद कर रहे हैं ।



भास्कर जोशी
सहायक अध्यापक

राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला 

विकासखंड धौलादेवी जिला अल्मोड़ा

उत्तराखंड

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