मेरे प्रिय शिक्षक मेरे पिताजी

  • शीलावती यादव

मेरे पिता जी ने कभी भी लड़के और लड़की में भेदभाव नहीं किया जो मेरी सफलता का कारण बना। मेरी ईश्वर से कामना है कि हर बच्चे को ऐसा ही पिता मिले।

मेरे प्रिय शिक्षक मेरे पिताजी श्री एसपी यादव है जो हिंडालको के एक रिटायर्ड शिक्षक हैं।

जिस स्कूल मे बचपन मे मेरी पढाई हुई,उसमे वो शिक्षक के रुप मे कार्यरत थे और मेरे गणित के अध्यापक भी थे। उन्होने एक पिता व एक शिक्षक दोनों की भूमिका मेरे जीवन में बखूबी अदा की है। वह सदैव प्रोत्साहित करने वाले अध्यापकों में से एक थे। वह गणित के बहुत अच्छे शिक्षक हैं। उन्होंने मेरी गणित की कमजोरियों को ध्यान रखते हुए उसके बेसिक्स को मजबूत किया और यही कारण रहा कि मैं बीएससी मैथ से करने में सफल रही।

श्री एसपी यादव

उनका व्यवहार हमेशा मेरे साथ मित्रवत रहा है और उन्होंने कभी भी कमजोर और बुद्धिमान बच्चों के बीच भेदभाव ना करते हुए सभी के  साथ पूरी मेहनत की। इंटर की परीक्षा में एक बार में असफल भी हुई लेकिन उन्होंने मुझे प्रोत्साहित करते हुए सीख दी कि जो घोड़े की सवारी करता है वही गिरता है,जो सवारी ही नहीं करेगा वह गिरेगा कैसे। उसके पश्चात मै बीएससी मैथ से करना चाहती थी लेकिन रेणुकूट जहां मैं उस वक्त रह रही थी वहां पर साइंस विषय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई उपलब्ध नहीं थी। मेरी दृढ़ इच्छा थी कि मैं बीएससी करूं इसलिए तमाम लोगों के मना करने के बावजूद उन्होंने मुझे ओबरा डिग्री कॉलेज में मैथ ग्रुप से एडमिशन सन 1995 में दिलवाया था।

आदर्श पिता की प्रेरक पुत्री : शीलावती यादव

बीएससी करते वक़्त मैंने बीटीसी के लिए अप्लाई किया। उस समय सोनभद्र जिले में केवल 10 सीट थी और जब मैं एग्जाम देने गई तो वहां पर काफी भीड़ थी, जिसके कारण मैं हतोत्साहित हो गई और मैंने कहा कि इतने लोगों में से मेरा कैसे होगा। उस वक्त उन्होने कहा कि परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। इन्हीं लोगों में से 10 लोग का सिलेक्शन होना है। उस बार में असफल रही।

सन 1998 में दूसरी बार में मैंने बीटीसी क्वालीफाई किया जबकि जिले में मात्र 50 सीट थी। तत्पश्चात मैं बीटीसी पूर्ण  करके  अक्टूबर 2002 में  मैं अध्यापिका बन गई। 

मेरे पिता जी ने कभी भी लड़के और लड़की में भेदभाव नहीं किया जो मेरी सफलता का कारण बना। मेरी ईश्वर से कामना है कि हर बच्चे को ऐसा ही पिता मिले।

(लेखक शीलावती यादव वर्तमान में Modern English Medium Primary School,Billi Markundi,Obra ,Sonebhadra (UP) में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत है।)

About the author: Abhishek Ranjan

Abhishek Ranjan is the Founder and Director of SarkariSchool.IN

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