
मेरी माँ, मेरी प्रेरक शिक्षिका
- नीतू सिंह
कहते हैं कि माता पिता और शिक्षक भगवान का दूसरा रूप होते हैं। परंतु मुझे यह दोनों रूप एक ही व्यक्ति में मिला।
आज शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर मेरी प्रेरणादायक शिक्षिका मेरी प्राथमिक स्तर की शिक्षिका श्रीमती विद्यावती सिंह को नतमस्तक करती हूं जो मेरे जीवन में एक प्रेरणादायक शिक्षक के रूप में आज भी एक सच्चे मार्गदर्शक का कार्य कर रही हैं। इस प्लेटफार्म के माध्यम से उन्हें हृदय से धन्यवाद करना चाहती हूं.
आज भी मुझे याद है कि उन्होंने कहा था-
जीवन में कभी हार ना मानना। संघर्षों से कभी ना भागना ।
मुसीबतों का करना डटकर तुम सामना । हो कुछ भी परंतु ,सच्चाई के मार्ग पर चलना
यह आप ही तो हमें सिखाती थी!
मुझे आज भी वह बचपन के दिन याद हैं। जब मेरे स्कूल का पहला दिन था। मैं सहमी कुछ शरमाई सी डर तो नहीं था क्योंकि मैं जहां जाने वाली थी उनसे घर से भी लगाव था, परंतु एक भय जो हर बच्चे के मन में होती है स्कूल के पहले दिन वह मुझ में भी था।

सरकारी स्कूल जो प्राथमिक विद्यालय डाला के नाम से उसमें मेरा नामांकन हुआ और वही मेरी पहली मुलाकात मेरी पर प्रथम शिक्षिका से हुई जो मेरी मां भी थी। पर आज मां को शिक्षिका के रूप में देखा सब से प्यार करते हुए मैंने देखा उनकी सिर्फ मैं ही नहीं बेटी थी बल्कि उनके तो कई बेटियां और बेटे थे और सब उनके साथ हंस रहे मुस्कुरा रहे थे ,उनका आदर और सम्मान कर रहे थे। मुझे देख कर बहुत खुशी हुई और गर्व भी हुआ।
मैं आज उन्हीं प्रिय शिक्षिका मेरी मार्गदर्शिका, मेरी गौरव जिसे हम बच्चे छोटी दीदी जी के नाम से भी पुकारते थे और वह कब मेरी पसंदीदा शिक्षिका बन गई पता ही नहीं चला। जो आज तक मेरी आदर्श शिक्षिका के रूप में है आज मैं उनके बारे में यही कहूंगी कि उन्होंने मेरी जिंदगी को एक नया रंग दिया पंख दिया उन्होंने हमेशा एक ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ शिक्षिका के रूप में जहां भी रही वहां कार्य किया और वही बातें वो अपने विद्यार्थियों को भी सिखाती रही। जो आज भी हमें सत्य के मार्ग पर चलने की सीख देती है। निस्वार्थ भाव से अपने कार्यों का निर्वाहन करना सिखाया हैं और यह बताया कि कोई कार्य करें उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें, सब का सम्मान करें, सबके दुखों को अपना दुख समझे, कभी यह न सोचे कि वह नहीं करता तो हम क्यों करें ऐसी भावना को अपने मन विचार में ना लाएं तभी आप सफल होंगे और किसी भी कार्य को बेहतर कर पाएंगे। यही उनकी विचारधारा उन्हें सभी शिक्षकों से अलग करती है।
वह सच में एक प्रेरणादायी शिक्षिका रही और यही सब बातें उन्हें सबसे अलग दिखाती है उनके विचार और उनके कार्य। उन्होंने अपने सभी बच्चों का नामांकन सरकारी स्कूल में करवाया और साबित किया कि यदि लग्न सच्ची हो तो प्रगति अवश्य मिलती है और उन्हीं के मार्गदर्शन से आज मैं उनकी छात्रा उनकी पुत्री एक सरकारी स्कूल से पढ़कर एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका बनकर अपनी उन्हीं प्रिय शिक्षिका के पद चिन्हों पर चलने का प्रयास कर रही हूं।
मुझे गर्व होता है कि आप मेरी शिक्षिका ही नहीं बल्कि एक आदर्श प्रिय शिक्षिका रही और हैं और हमेशा रहेंगी। आप मेरे जीवन की प्रेरणा रही हैं और आपने हमेशा मुझे सत्य और अनुशासन का पाठ पढ़ाया है। आपने मुझे हमेशा प्रेरित किया, आपकी वजह से ही हमने अपने लक्ष्यों को पूरा करना सीखा है। मुझे एक ही व्यक्ति में गुरु ,मित्र, मां ,अनुशासन ,प्रेम सब कुछ मिल गया है। आज टीचर्स डे के दिन हम आपसे बताना चाहते हैं कि ,आप जिस तरह से हमें पढ़ाया ,हमारा ध्यान रखा ,हमें प्यार किया वह आपको दुनिया का बेस्ट टीचर साबित करता है ।आपने कभी भी किसी बच्चों में भेदभाव नहीं किया। आपका जीवन प्रेरणादायक है।
आपने सालों तक हजारों बच्चों का कैरियर बनाने में अपना एफर्ट लगाया और जिंदगी सवार दी मैं दिल से आपको धन्यवाद देती हूं। और आपके स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करती हूं। अगर आज भी कोई मुझसे पूछे कि मेरी फेवरेट टीचर का नाम क्या है तो मैं आप ही का नाम लूंगी क्योंकि आप मेरी रोल मॉडल शिक्षक हैं।
वह शब्द कहां से लाऊं
जो आप का कर्ज उतार सकें।
आप अतुलनीय ,पूज्यनीय आप ही मेरी प्रिय शिक्षक हैं
(नीतू सिंह जी उच्च प्राथमिक विद्यालय सिंदुरिया, चोपन ,सोनभद्र में सहायक अध्यापक है.)